पवित्र है दादा जी का जूता
दादा जी का जूता पर आपका स्वागत है.....
दोस्तों,
जूता अगर दादा जी का हो................
तो क्या बात है सर पर रखने मे भी कोई हर्ज नहीं है कहने का मतलब है की दादा जी का जूता उतना ही पवित्र है जितना राजनीती. हम समझते है यह नाम आपको पसंद नही आया होगा लेकिन हमारी मज़बूरी है. आखिर किसी को अपना जूता तो मार नही सकता, चाचा जी अपना जूता दुसरे के लिए दे नही सकते इसे आप भी मानते है. इस परिस्थिति मे एक मात्र असहाए दादा जी ही बचे जिनका जूता न चाहते हुए भी सभी को स्वीकार होगा. दादा जी का जूता तो पवित्र है ही सभी के लिए आदर योग्य भी है. इस लिए हमने कई दिनों तक मंथन करने के बाद दादा जी का जूता ही उठा लाया पवित्र लोगों के लिए. शिक्षा व्यक्ति के विचार में निखार लाता है तो जूता व्यक्ति को प्रभावशाली बनाता है. अगर विश्वाश नहीं है तो किसी बड़े पार्टी में चपल पहन कर चले जाइए. आप जूता का महत्व खुद ही समझ जाएँगे. अगर आपके पास पहले से ही जूता के बारे मे कोई विशेष अनुभब है या आप जूता पर कोई रिसर्च कर रहे है तो फिर चुप क्यों है हमें और सरे दोस्तों को भी बताइए............
हम तो यही कहेंगे दादा जी का जूता पर आना आपको अच्छा नहीं लगा होगा सोचते होगें की ऐसा न हो की यह जूता हमारे ही सर पर न आ पड़ें............
मेरे दोस्त हम आपसे वादा तो नहीं करेंगे लेकिन हमारा कोशिश रहेगा की दादा जी का पवित्र जूता किसी पवित्र आदमी के ही सिर पर जाए. ...........
फिर भी हमारा दावा है की आप एक बार नहीं बार बार दादा जी का जूता पर आयेगे. हो सकता है की इसके बिना आपको रात में नींद भी नहीं आवे. क्योंकि यह इतना पवित्र है जितना आप सोंच भी नहीं सकते हैं ................
दोस्त अंत में मैं आपको एक नेक सलाह भी दे ही देना चाहता हूँ. की आप तो बार- बार दादा जी का जूता पर आएँगे ही लेकिन कभी दादा जी का जूता आप पर चल जाए तो नाराज मत होना क्योंकि पवित्र आत्मा या जूता से कभी नाराज नहीं हुआ जाता है. ..............
इसी के साथ हम पवित्र दादा जी का जूता पर आपके साथ सदा जुड़ें रहेंगे. ...
आपका दोस्त
एवं जूता का रखवाला
सुमन कुमार
Email :- pccimamganj@gmail.com
1 comment:
खो गई है
मेरी कविता
पिछले दो दशको से.
वह देखने में, जनपक्षीय है
Beautiful creation !
Likhna jari rakhiye, hum padhne aate rahenge.
zealzen.blogspot.com
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